यात्रा का फाइनल कार्यक्रम बन गया है... लेकिन आगे बढ़ने से पहले एक-दो बातें नोट कर लेते हैं...
हम अभी हाल ही में हर्षिल और गंगोत्री गए थे... मेरा फोकस इस बात पर रहा कि होटलों की लोकेशन एकदम अल्टीमेट रहे...
हर्षिल वाकई बहुत खूबसूरत जगह है, लेकिन यहाँ होटल उतनी शानदार लोकेशन पर नहीं हैं... एक बाजार है और उसी में होटल हैं... भागीरथी के किनारे आर्मी है... हो सकता है कि हर्षिल में कोई होटल शानदार लोकेशन पर हो, लेकिन हमें नहीं मिला...
इसलिए हमने ठहरने के लिए हर्षिल की बजाय 3 किमी आगे धराली का चयन किया है... कार्यक्रम वही रहेगा, लेकिन हम धराली में ठहरेंगे...
हम अभी हाल ही में हर्षिल और गंगोत्री गए थे... मेरा फोकस इस बात पर रहा कि होटलों की लोकेशन एकदम अल्टीमेट रहे...
हर्षिल वाकई बहुत खूबसूरत जगह है, लेकिन यहाँ होटल उतनी शानदार लोकेशन पर नहीं हैं... एक बाजार है और उसी में होटल हैं... भागीरथी के किनारे आर्मी है... हो सकता है कि हर्षिल में कोई होटल शानदार लोकेशन पर हो, लेकिन हमें नहीं मिला...
इसलिए हमने ठहरने के लिए हर्षिल की बजाय 3 किमी आगे धराली का चयन किया है... कार्यक्रम वही रहेगा, लेकिन हम धराली में ठहरेंगे...
कार्यक्रम इस प्रकार है...
23 जून: धराली आगमन (हर्षिल से 3 किमी आगे धराली है, आप इस स्थान को देखकर कतई निराश नहीं होंगे... गंगोत्री जाने वाली प्रत्येक बस, गाड़ी धराली से ही होकर जाती है...)
23 जून: धराली आगमन (हर्षिल से 3 किमी आगे धराली है, आप इस स्थान को देखकर कतई निराश नहीं होंगे... गंगोत्री जाने वाली प्रत्येक बस, गाड़ी धराली से ही होकर जाती है...)
24 जून: हर्षिल, मुखबा और बगोरी भ्रमण... शाम तक वापस धराली लौट आएँगे...
25 जून: सातताल ट्रैक... 8-9 किमी आना-जाना... ट्रैक मुश्किल नहीं है... कोई भी इस ट्रैक को कर सकता है... पहले हमने इस ट्रैक को करना वैकल्पिक किया था, लेकिन स्वयं जाने के बाद पता चला कि आपको इस ट्रैक पर जाना ही चाहिए... किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है...
रात्रि विश्राम धराली
रात्रि विश्राम धराली
26 जून: नेलांग भ्रमण... यह उत्तराखंड का एक विशिष्ट स्थान है... यहाँ जाने के लिए अनुमति आवश्यक है... हम अनुमति लेकर ही जाएँगे... यहाँ केवल फोर-व्हीलर से ही जाने की अनुमति है... नेलांग घाटी को उत्तराखंड का लद्दाख भी कहा जाता है...
नेलांग घूमकर दोपहर बाद गंगोत्री जाएँगे... रात्रि विश्राम गंगोत्री में...
नेलांग घूमकर दोपहर बाद गंगोत्री जाएँगे... रात्रि विश्राम गंगोत्री में...
27 जून: वापसी... गंगोत्री से उत्तरकाशी, हरिद्वार आदि स्थानों के लिए सुबह बसें और शेयर्ड सूमो मिल जाएंगी...
केवल 4 सीटें बाकी हैं... यात्रा किसी भी आयु के व्यक्ति और अकेली महिलाओं आदि के लिए पूर्णरूप से सुरक्षित है...
आपको अपने घर से धराली जाना और गंगोत्री से अपने घर लौटना अपने स्वयं के खर्च से करना है... बाकी यात्रा का कुल खर्च निर्धारित किया गया है 11000 रुपये प्रति व्यक्ति... इसमें आपके 23 जून को धराली पहुँचने से लेकर 27 जून को गंगोत्री में नाश्ते तक के भोजन, कमरा, गाड़ी, परमिट, खच्चर आदि का सारा खर्च शामिल है... किसी भी तरह की शराब, बीयर पीने की सख्त मनाही है... इच्छुक मित्र जल्दी सम्पर्क करें...
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