बुधवार, 27 सितंबर 2017

सौर सुजला योजना में अब एक से पांच हार्स का पंप लगा सकते हैं किसान




सौर सुजला योजना में अब एक से पांच हार्स का पंप लगा सकते हैं किसान

सौर सुजला योजना के तहत स्थापित सोलर पंप किसानों की किस्मत को बदलने में अहम भूमिका निभाने लगे है। सिंचाई के लिए मौसम एवं प्रकृति पर निर्भर रहने वाले किसानों के लिए बिना प्रदूषण, आवाज और विद्युत शुल्क का व्यय किए ये पंप सौर उर्जा के माध्यम से किसानों के सहायक बन गए है। पिछले वर्ष पूरे प्रदेश में संख्या दृष्टि से दूसरे स्थान पर महासमुंद जिले के लगभग एक हजार किसानों ने प्रधानमंत्री सौर सुजला योजना के अनुदान का लाभ लेते हुए इसे अपने खेतों में लगाया है। इस वर्ष योजना में आंशिक परिर्वतन किया गया है, और अब किसान 1 एच.पी. से लेकर 5 एच.पी. के पंप अनुदान के माध्यम से लगा सकते है। यह अनुदान अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ-साथ समान्य वर्ग के किसानों को भी मिलता है।
क्रेडा के सहायक यंत्री श्री संदीप कुमार बंजारे ने बताया कि इस योजना के तहत आवेदन लेने की कार्रवाई की जा रही है। आवेदन पत्र कृषि या क्रेडा विभाग के कार्यालय में दिया जा सकता है। आवेदन पत्र के साथ निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, जमीन में लगने वाले भूमि फोटो एवं खसरा और रकबा का सत्यापित नक्शा, बैंक पासबुक, स्थापना स्थल के फोटोग्राफ, हितग्राही की दो फोटो और फार्म में लगने वाले प्रोसेसिंग शुल्क की राशि जमा करनी होगी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पात्रता ऐसे किसानों को होगी, जिनके पंप में स्थायी विद्युत कनेक्शन नहीं हैं, एक सकल नलकूप से दूसरे नलकूप की दूरी 300 मीटर है, समीप के नदी और नालों में कम से कम 3 फीट पानी होना चाहिए। सोलर पंप कुएं में भी स्थापित किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि एक एचपी का सौर सुजला पंप लगाने के लिए 1200 रूपए का प्रोसेसिंग शुल्क लिया जाता है। पंप के लिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों द्वारा 3500 रूपए, अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को 6 हजार रूपए और सामान्य वर्ग के किसानों को 14 हजार अंशदान दिया जाता है। शेष राशि अनुदान के रूप में शासन द्वारा दी जाती है। इसी प्रकार 2 एच.पी. पंप का प्रोसेसिंग शुल्क 1800 रूपए है, जिसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति द्वारा 5 हजार रूपए, अन्य पिछड़ा वर्ग द्वारा 9 हजार और सामान्य वर्ग के किसानों द्वारा 16 हजार अंशदान दिया जाता है। शेष राशि शासन द्वारा अनुदान के रूप में दी जाती है। 3 एचपी पंप का  प्रोसेसिंग शुल्क 3हजार रूपए हैं, जिसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति द्वारा 7 हजार रूपए, अन्य पिछड़ा वर्ग द्वारा 12 हजार और सामान्य वर्ग के हितग्राही द्वारा 18 हजार रूपए का अंशदान दिया जाता है। पांच एचपी पंप का प्रोसेसिंग शुल्क 4800 रूपए हैं। इसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति द्वारा 10 हजार रूपए, अन्य पिछड़ा वर्ग द्वारा 15 हजार और सामान्य वर्ग के किसानों द्वारा 20 हजार अंशदान दिया जाता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें